बिहारपुर बहुत ही शांत इलाका है. और साथ ही पिकनिक मनाने के लिए भी बहुत अच्छी जगह है। यहाँ की सुन्दरता देखते ही बनती है। यहाँ पहुँचने के लिए मनेन्द्रगढ़ से 7-8 किमी दूर कठौतिया से केल्हारी के रास्ते में बिहारपुर के लिए रास्ता जाता है। मनेन्द्रगढ़ से बिहारपुर की दूरी लगभग 25 किमी की है। बिहारपुर में दो बहुर ही सुन्दर झरने है. जो की मुख्य सड़क से 100 मी. अन्दर की तरफ 25 फीट की उंचाई से गिरते हैं और स्थान की शोभा बढ़ाते हैं।
प्राचीन समाय में जब यहाँ राजा राज किया करते थे, तब बिहारपुर के जंगलो में शिकार करने आया करते थे. यह स्थान उनके शिकार के लिए बहुत ही शानदार था। बिहारपुर में आम का एक बहुत अच्छा बगीचा है। जहाँ पर लन्दन से मंगवाए गए पेड़ लगे हैं।
यह इलाका आज भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। क्योंकि आज भी यहाँ के इलाके में बहुत से जंगली जानवर जैसे भालू, चीता, सियार, लोमड़ी, लकडबग्घा जैसे जंगली जानवर देखने को मिल जाते हैं।. यहाँ पर जहरीले सांपो की बहुत सी प्रजाति पायी जाती है। जिन सापो के जहर की दावा आज भी किसी के पास उपलब्ध नहीं है। यहाँ के जंगलो में बहुत ज्यादा तादात में बन्दर देखने को मिलते हैं।
बिहारपुर के पिकनिक स्पाट से 40 किमी. की दूरी में एक बहुत ही पुराना मंदिर है जो 'जटा शंकर मंदिर' के नाम से जाना जाता है. बिहारपुर के स्थानीय लोगो का कहना है कि जब भस्मासुर भगवन शिव को भस्म करने के लिए उनके पीछे भाग रहा था तब भगवान शिव इसी मंदिर में आ कर शरण लिए थे। यह एक गुफा मंदिर है जहाँ 52 हाँथ की गुफा में भगवान् शिव की मूर्ती स्थापित है। गुफा के ऊपर से झरना गिरता है जो बहुत ही सुन्दर लगता है।.
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